गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराकर अयोध्या में किया गया धन्‍नीपुर मस्जिद का शिलान्‍यास

धन्‍नीपुर मस्जिद
तिरंगे को सलामी देते इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के मेंबर व अन्य।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ/अयोध्‍या। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर प्रस्तावित धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट की शुरुआत मंगलवार को तिरंगा फहराकर व पौधारोपण कर हुई। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट ने बेहद सादे समारोह में पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए धन्नीपुर प्रोजेक्ट मानवता को समर्पित किया।

इस मौके पर इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के चेयरमैन जुफर फारुकी ने गणतंत्र दिवस पर यहां आज तिरंगा फहराया। इस दौरान यहां पर आइआइसीएफ के सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देकर जफर फारूकी के साथ धन्नीपुर प्रोजेक्ट की शुरुआत की।

ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि हम धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट को मानवता को समर्पित कर रहे हैं। यहां बनने वाले 200 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का सबसे अधिक लाभ स्थानीय लोगों को होगा। उन्हें अपने गांव के पास ही बेहद सस्ता और अच्छा इलाज मिल जाएगा। यहां प्रस्तावित कम्युनिटी किचन से हर दिन आस-पास की गरीब महिलाओं का बच्चों को खाना वितरित किया जाएगा।

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साथ ही ये भी बताया कि आज कल क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा है इसलिए हम यहां से पर्यावरण संरक्षण का बड़ा संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अच्छी नियत से समाज के लिए यह प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं अल्लाह ही इसे पूरा करने में हमारी मदद करेगा।

इसके अलावा इंडो इस्लामिक कल्चरल के सचिव अतहर हुसैन ने ये भी बताया है कि नक्शा दिल्ली से मंगाया गया है। नक्शा पर हस्ताक्षर करने के बाद आर्किटेक्ट को भेज दिया जाएगा। अर्किटेक्ट विकास प्राधिकरण में जाकर नक्शा दाखिल करेंगे। उन्होंने बताया है कि मिट्टी की जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद नक्शा दाखिल किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस जमीन पर मस्जिद के अलावा 200 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इंडो इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर, म्यूजियम, लाइब्रेरी व कम्युनिटी किचन बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब ढाई साल का समय लगेगा। वहीं इंडो इस्लामिक कल्चलर ने नींव की खुदाई से पहले मिट्टी का परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी गुंजन स्वायल कंपनी को दी गई है।  मस्जिद के निर्माण के लिए मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट 15 दिनों में आ जाएगी। उसके बाद मस्जिद का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से पास कराया जाएगा।

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