मजदूरों के पलायन व पुलिस की कार्रवाई पर प्रियंका ने उठाए सवाल, कहा शर्म आनी चाहिए कि हमने इन्हें इस हाल में दिया है छोड़

महाघोटाला
फाइल फोटो।

आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच लॉकडाउन के चलते दूसरे शहरों से आए लोग अपने शहरों की ओर बढ़ रहे हैं, जिसके चलते दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पलायन करने वालों की भीड़ देखने को मिली है। जिसे लेकर शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्‍ली बॉर्डर पर त्रासद स्थिति पैदा हो गई है।

प्रियंका गांधी ने आज सोशल मीडिया के माध्‍यम से ट्वीट कर कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर त्रासद स्थिति पैदा हो चुकी है। हजारों की संख्या में लोग पैदल अपने घरों की तरफ निकल पड़े हैं। कोई साधन नहीं, भोजन नहीं। कोरोना का आतंक, बेरोजगारी और भूख का भय इनके पैरों को घर गांव की ओर धकेल रहा है। मैं सरकार से प्रार्थना करती हूं कृपया इनकी मदद कीजिए।”

इसके अलावा उन्होंने एक और ट्वीट में मजदूरों के पलायन वाले वीडियों को पोस्‍ट कर उन्होंने लॉकडाउन के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाएं है। उन्होंने कहा कि, ” हमें शर्म आनी चाहिए कि हमने इन्हें इस हाल में छोड़ दिया है। ये हमारे अपने हैं। मजदूर देश की रीढ़ की हड्डी है। कृपया इनकी मदद करिए।”

यह भी पढ़ें- मजदूरों के पलायन पर गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, कहा सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेश मजदूरों के रहने-खाने का करे प्रबंध

वहीं अपने एक अन्‍य ट्वीट में प्रियंका गांधी कांग्रेसियों द्वारा मद्द करतीं हुई फोटो को पोस्‍ट करते हुए कहा कि अनिश्चितता, भय, भूख और पीड़ा के इस माहौल में हजारों हिंदुस्तानियों के कदम अपने गांवों की ओर निकल पड़े हैं। मुझे गर्व है उत्‍तर-प्रदेश कांग्रेस के टुक्कीमल खटिक, मिथुन त्यागी, मुकेश धनगर और उन सभी साथियों पर जो संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद कर रहे हैं।

बता दें कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद पूरे देश में दिहाड़ी मजदूर और कामकागों और छोटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हालात ये हैं कि हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की ओर पैदल भी जा रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि काम न होने की वजह से जेब में पैसा नहीं है और खाने के लिए भी कुछ नहीं बचा है।

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन के दौरान 14 जापानी टूरिस्ट आ रहे थे दिल्ली, पुलिस ने UP बॉर्डर पर बस को रोका