किसान महापंचायत में बोलीं प्रियंका, तीन कृषि कानून BJP के पूंजीपति मित्रों के लिए खोलेगा जमाखोरी के दरवाजे

किसान महापंचायत
फाइल फोटो।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ/सहारपुर। कांग्रेस ने बुधवार को पश्चिमी यूपी में जय जवान-जय किसान अभियान के तहत किसान महापंचायत का आगाज कर दिया है। इस बीच सहारनपुर पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान दिया है। प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो तीन कृषि कानून बनाए हैं वो राक्षस रूपी कानून हैं और ये किसानों को मारना चाहते हैं। ये कानून भाजपा के नेतृत्व के पूंजीपति मित्रों के लिए जमाखोरी के दरवाजे खोलेगा। साथ ही ये भी कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो यह कानून खत्‍म किए जाएंगे।

कांग्रेस की सरकार बनेगी तो आपकी मदद के लिए बनेंगे कानून

भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस की यूपी प्रभारी ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी तो कानून आपको पीसने के लिए नहीं बल्कि मदद के लिए बनेंगे। हम आपके जीवन के साथ राजनीति नहीं करेंगे। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि 1955 में जवाहरलाल नेहरू ने जमाखोरी के खिलाफ कानून बनाया था, लेकिन इस कानून को भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया है। ये नया कानून ‘अरबपतियों’ की मदद करेगा और वह किसानों की उपज का मूल्य तय करेंगे। उन्‍होंने आगे कहा कि किसानों को देशद्रोही कहने वाला और उसका मजाक उड़ाने वाला कतई देश भक्त नहीं हो सकता।

पीएम मोदी का दिल खरबपति दोस्तों के लिए है धड़कता

किसान महापंचायत के दौरान कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम मोदी के 56 इंच के सीने में छोटा सा दिल है, जो किसानों के बजाए अपने खरबपति दोस्तों के लिए धड़कता है। उन्होंने आगे कहा जिसने रेलवे और कई सरकारी उपक्रम बेच दिए उस पर अब देशवासी भरोसा नहीं कर सकते हैं।

गन्‍ना किसानों का नहीं किया भुगतान

पीएम मोदी पर हमला जारी रखते हुए प्रियंका ने गन्ना किसानों की बात कर कहा कि किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये भुगतान नहीं दिया गया, जबकि 16 हजार करोड़ में अपने लिए दो जहाज खरीद लिए और 20 हजार करोड़ रुपये संसद भवन के सुंदरीकरण के लिए खर्च कर रहे हैं। मगर आपके 15000 करोड रुपए का बकाया आज तक आपको नहीं मिला। वो किसानों का दिल नहीं समझ रहे हैं।

किसान का बेटा सीमा पर देश के लिए देता है जान

कांग्रेस महासचिव ने आगे ये भी कहा कि किसानों का दिल इस देश की धरती के लिए धड़कता है, क्योंकि इस धरती को वो सींचता है। इस धरती से उसकी जान जुड़ी हुई है, इस धरती से ही किसान ने देश को आत्मनिर्भर बनाया है। इतना ही नहीं यही किसान का बेटा सीमा पर सुरक्षा करते हुए देश के लिए अपनी जान देता है। उसी किसान का बेटा एक जवान बनकर प्रधानमंत्री की सुरक्षा करता है, मगर हमारे प्रधानमंत्री को उनके दर्द का एहसास नहीं है।

मालूम हो कि कांग्रेस ने पश्चिमी यूपी में 21 फरवरी तक किसान आंदोलन से जुड़े 27 जिलों की 134 तहसीलों में किसान महापंचायत करने का फैसला किया है, जबकि इसकी शुरुआत सहारनपुर की किसान महापंचायत से हुई है।

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