बोले डिप्‍टी CM, माध्यमिक शिक्षा में बनेंगे रोजगार सेल तो शिक्षा मंत्री ने कहा, पेपरलेस होगा बेसिक शिक्षा विभाग

स्कूल समिट
कार्यक्रम को संबोधित करते दिनेश शर्मा।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। शिक्षक अनवरत विद्यार्थी होता है, जो अध्ययन करता है वही अध्यापन करता है और जिसमें पढ़कर अनवरत सीखने की प्रवृत्ति होती है वही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक होता है। यह बातें गुरुवार को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में माध्यमिक शिक्षा विभाग एवं सीआईआई के संयुक्‍त तत्वावधान में आयोजित हुए दो दिवसीय स्कूल समिट के समापन समारोह में कहीं।

सरकारी विद्यालयों की वर्तमान स्थिति पर बोलते हुए दिनेश शर्मा ने कहा कि स्कूलों का एक डेवेलपमेंट प्लान बनना चाहिए। शिक्षक का उन्नयन ठीक से हो, कहां सुधार की जरूरत है आदि बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा एक ऐक्शन प्लान तैयार किया गया है।

साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा कि अगर अध्यापक अच्छा है, तो विद्यालय अपने-आप अच्छा कहलाएगा। शिक्षा में सामाजिक गुणों का समावेश होना चाहिए। शिक्षा से बच्चों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। बच्चे को ऐसी शिक्षा नहीं मिलनी चाहिए कि वह उसके शारीरिक विकास को अवरुद्ध कर दे। उसे सामाजिक सरोकर से दूर नहीं होना चाहिए। हमे एक व्यापक चिंतन के साथ शिक्षा में सुधारों की ओर बढ़ना होगा।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार पैदा करने वाली शिक्षा बनाने पर सबका जोर है। बच्चा जब नवीं क्लास में हो तभी उसको रोजगार उन्मुख शिक्षा मिलने लगे और इंटर तक शिक्षा इस प्रकार हो कि उसे नौकरी की चिंता न रहे। उन्होंने कहा कि कई विश्‍वविद्यालयों में प्लेसमेंट सेल बने हैं। माध्यमिक शिक्षा में भी रोजगार सेल बनाएं जाएंगे। रोजगार परक शिक्षा में नई तकनीकि को अपनाए जाने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।

स्कूल समिट

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षा उन्नयन हो, इसके लिए इस दो दिवसीय समिट का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से लोगों को नए विचारों एवं तकनीक को जानने-समझने का मौका मिला है। बेसिक शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने का निरंतर प्रयास कर रहा है।

…जो बचे हैं उन्हें भी किया जा रहा

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत रूचि के कारण यूपी के परिषदीय स्कूलों पर फोकस किया गया। स्कूल चलों अभियान की शुरूआत कर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में लगभग 50 हजार नामांकन बढ़ाया गया। आउट आफ स्कूल बच्चों को स्कूल से जोड़ा गया। स्कूलों की स्थिति को सुधारने के लिए अवसंचरात्मक सुधार पंचायती राज विभाग के माध्यम से किया गया। जिसका परिणाम रहा कि 1.59 लाख विद्यालयों में से लगभग 91 हजार विद्यालयों को अवसंरचनात्क विकास कर उनका सुदृढ़ीकरण किया गया, जो बचे हैं उन्हें भी किया जा रहा है।

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साथ ही आज उन्‍होंने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भविष्य में बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं, सारी एक्टीविटी डिजिटल होंगी। टीचर के सर्विस बुक से लेकर उनकी छुट्टियों सहित सभी चीजें डिजिटालाइज्ड होंगी। मिड-डे-मील में ओपन ग्लोबल टेण्डर की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का सपना है कि टाट-पट्टी यूपी के स्कूलों के लिए इतिहास बन जाय। वर्तमान सरकार प्रदेश के सभी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था करना चाहती है और इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी है।

प्रदेश के सभी स्कूलों में हो स्मार्ट क्लास

सतीश ने स्‍कूलों के हालत पर बोलते हुए आगे कहा कि योगी सरकार ने 15 हजार स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में बदला है और इसके लगभग चार हजार स्कूलों में स्मार्ट क्लास भी शुरू कर दी गयी है। हमारी सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लास हो। पाठ्यक्रम की भिन्नता को दूर करने के लिए एनसीईआरटी पैटर्न को बेसिक शिक्षा विभाग अपनाने जा रहा है। इसको पहली कक्षा में लागू करने का प्रयास शुरू हो चुका है।

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इस अवसर पर राज्य मंत्री माध्यमिक शिक्षा गुलाब देवी, प्रमुख सचिव माध्यमिक आराधना शुक्ला एवं माध्यमिक शिक्षा तथा बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों सहित कारपोरेट जगत के प्रतिनिधि, शिक्षाविद् एवं जनपदीय अधिकारी तथा शिक्षक मौजूद रहें।

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