स्वतंत्र देव से मुलाकात कर बोले ओपी राजभर, बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष से पहले वह है पिछड़ों के नेता, राजनीति में कुछ भी संभव होने की बात भी कही

किसानों को न्याय

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल कितनी करवटें बदलेंगे इस पर तो कोई भी कयास नहीं लगाया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी को जमकर कोसने वाले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर ने लखनऊ में मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचे। करीब एक घंटे की इनकी मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है।

करीब एक घंटे तक चर्चा के बाद राजभर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजनीति में कुछ भी संभव हो सकता है। साथ ही ओम प्रकाश राजभर ने इसे महज औपचारिक भेंट बताया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देव सिंह पहले पिछड़ों के नेता हैं उसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष। ये मुलाकात निजी थी, लेकिन कुछ लोग अर्थ का अनर्थ लगाएंगे, तो मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सुभासपा ही भाजपा को नेस्तनाबूत करेगी। उन्होंने कहा कि राजभर ही भाजपा को यूपी में नेस्तनाबूत करेगा।

राजभर ने कहा कि भागीदारी संकल्प मोर्चा सरकार बनाने को अग्रसर है। देश पहले कृषि प्रधान था, लेकिन अब जाति प्रधान हो गया है। छोटी जातियों की काफी उपेक्षा हुई है, हम प्रदेश में भागीदारी संकल्प मोर्चा इन सबको न्याय दिलाएगा। प्रदेश में अति पिछड़ी तथा 70 प्रतिशत पिछड़ी जातियां काफी उपेक्षित थीं। यह किसी को भी सरकार बनाने में मदद करती हैं। राजभर ने कहा कि प्रदेश की 45 प्रतिशत ओबीसी जातियां हमारे साथ हैं, हम इसी दम पर सरकार बनाएंगे। हमारे पास 45 प्रतिशत वोट हैं, इसी वोट के दम पर सरकार बनती या बिगड़ती है। हमारे पास तो पर्याप्त वोट हैं।

समय-समय पर लेते रहना चाहिए थाह

इसके अलावा राजभर ने कहा कि वैसे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात तो शिष्टाचार मुलाकात थी, लेकिन राजनीति में कौन-कौन क्या कर रहा है, इसकी थाह समय-समय पर लेते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि दो बड़े नेता व्यक्तिगत मुलाकात भी कर सकते हैं। जब ममता बनर्जी और सोनिया गांधी मिल सकती हैं, जब मायावती और अखिलेश मिल सकते हैं तो राजनीति में कुछ भी संभव है। उन्होंने यह भी दावा किया कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा के दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन भाजपा के लिए यह दरवाजा बंद है।

पिछड़ों को न्याय न मिलने पर सब दिया ठुकरा

भाजपा से दूर होने के कारण बताते हुए सुभासपा प्रमुख ने कहा कि हमने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोग से यूपी में सरकार बनाई। सरकार में हमारे कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री तथा निगमों के अध्यक्ष भी थे। सत्ता का सुख किसको अच्छा नहीं लगता, लेकिन हमने पिछड़ों को न्याय न मिलने पर सब ठुकरा दिया। हमको तो 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने सिंबल पर लड़ा रही थी, हम सांसद होकर दिल्ली चले जाते। हम सभी ऑफर को ठुकराकर अपने मिशन में लगे हैं।

भाजपा हमारी सभी मांग को मान लेती है तो फिर हम भी…

राजभर ने कहा कि हम जनगणना में पिछड़ी जातियों को जातिवार कॉलम में भाजपा के निर्णय के खिलाफ थे। हमने इसका विरोध किया है। इसके साथ ही हम सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू कराने के संघर्ष में हैं। यह रिपोर्ट चार वर्ष तीन महीने से डिब्बे में बंद है। राजभर ने कहा कि हम पिछड़ों के लिए एक समान शिक्षा चाहते हैं। हम गरीब व कमजोर के लिए अनिवार्य शिक्षा व फ्री शिक्षा के साथ महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत रिजर्वेशन तथा शराबबंदी की मांग कर रहे हैं। भाजपा अगर हमारी इन सभी मांग को मान लेती है तो फिर हम भी मान जाएंगे।

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