अजित पवार की एंट्री से शिंदे गुट नाराज, बगावत के सुर तेज

अजित पवार की एंट्री

आरयू वेब टीम। महाराष्ट्र में भाजपा ने पहले शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे और उसके बाद अब एनसीपी से बगावत करने वाले अजित पवार का जोर-शोर से स्वागत किया, लेकिन अब दो दलों को एक साथ एक ही सरकार में फिट करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बनता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि मंत्री पद और विभागों के बंटवारे को लेकर हर तरफ घमासान मचा हुआ है। शिंदे गुट में बगावत के सुर तेज हो गए हैं।

विचारधारा और मनचाहे पद के मुद्दे पर अजित पवार की सत्ता के खेमे में एंट्री से शिंदे गुट में बेचैनी दिख रही है। शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि राजनीति में जब भी हमारे प्रतिद्वंद्वी हमारे साथ आना चाहता है तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और भाजपा ने यही किया, लेकिन एनसीपी नेताओं के साथ आने के बाद हमारे नेता नाराज हैं। क्योंकि एनसीपी के शामिल होने के बाद हमारे कुछ नेताओं को मनचाहा पद नहीं मिलेगा। हमने सीएम और डिप्टी सीएम को भी इसकी जानकारी दे दी है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा।

एनसीपी शरद पवार गुट के नेता रोहित पवार ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता भी नाराज हैं, क्योंकि जिसके खिलाफ वो अभी तक लड़ते आए आज उन्हें ही सत्ता को और मजबूत करने के लिए अपने साथ शामिल कर लिया गया है। हमारे साइ़ड के एनसीपी के कार्यकर्ता भी बीजेपी से नाराज हैं। तो सभी लोग और कार्यकर्ता एकजुट होकर एक अच्छे विचार को ताकत देंगे और आने वाले चुनाव में सत्ता में जो हैं उन्हें आप जाता हुआ देखेंगे।

यह भी पढ़ें- पार्टी से बगावत कर शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम बने अजित पवार ने कहा, NCP का नाम-निशान हमारा है और रहेगा

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के नेता संजय शिरसाट ने कहा कि हम हमेशा से एनसीपी और शरद पवार के खिलाफ रहे हैं। शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को मोहरा बनाकर सरकार चलाई। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री होकर भी हमारा नहीं था। हमारा विरोध जायज है। हम पहले भी उद्धव ठाकरे को यही कहते थे कि एनसीपी पार्टी का साथ छोड़ें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे।

जाहिर है बीजेपी और शिवसेना शिंदे गुट के नेताओं के सामने सवाल उस विचारधारा का है, जिसके खिलाफ वह लड़ते आ रहे हैं। आज उसी एनसीपी के नेताओं को सत्ता के लिए साथ में रख लिया गया है। वो भी तब जब बागी एनसीपी नेता अपनी पार्टी को छोड़ शिंदे गुट या बीजेपी में शामिल नहीं हुए हैं, बल्कि वह खुद को एनसीपी नेता बताते हुए सरकार का हिस्सा बने हैं और एनसीपी पर अपना दावा ठोक रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में भाजपा और शिवसेना गुट के सामने  बगावत की चुनौती का सामना पड़ जाए तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं होगी।

यह भी पढ़ें- NCP में टूट के बाद बोले शरद पवार, कुछ लोगों ने हमारी सरकार गिरा दी, लेकिन हम करेंगे नई शुरुआत