अखिलेश ने कसा तंज, सत्‍ता से जाते-जाते अपनी याद में ‘जुमला पार्क’ बनाती जाए भाजपा सरकार

जुमला पार्क

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। ‘मेक इन इण्डिया’ के बहाने भाजपा सरकार ने स्वदेशी आंदोलन को फांसी लगा दी है। विदेशी सामानों का आयात बढ़ रहा है। चीन सहित विदेशों से सामान मंगाने के लाइसेंस बंट रहे हैं। बिचैलियों ने व्यवस्था पर कब्जा कर लिया हैं, जबकि विकास पिंजरे में कैद हो चुका है।

ये बातें बुधवार को सूबे के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने सपा मुख्‍यालय पर अपने पार्टी के नेता व कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। अखिलेश ने मोदी के साथ ही योगी सरकार को भी निशाने पर लेते हुए आगे कहा कि किसान, नौजवान सहित समाज का हर वर्ग हताश, कुंठित और परेशान है। वह अब लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रहा है।

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सपा अध्‍यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने दो तरह की शपथ ली है, एक संविधान की और दूसरी आरएसएस की, लेकिन संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है। भाजपा के लोग सत्ता का दुरूपयोग अपने निजी स्वार्थों के लिए करने के साथ ही ये जनता के बीच नफरत और दूरी पैदा कर रहें हैं।

अखिलेश ने आज एक बार फिर जनसंख्‍या के आधार पर आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि जनसंख्या के आधार पर सबकी भागीदारी तय हो तो किसी को कोई शिकायत नहीं होगी।

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पूर्व मुख्‍यमंत्री भाजपा सरकारों पर जुमलेबाजी का आरोप लगाते हुए बोले कि भाजपा सरकार युवाओं को नौकरियां नहीं दे रही है, समाजवादी पेंशन सबके लिए थी, भाजपा सरकार में उसे खत्म कर दिया गया। छात्र-छात्राओं को लैपटॉप दिए जा रहे थे, वह भी बंद हो गए। जो नियुक्तियां समाजवादी सरकार में शुरू हुई थी। उन्हें भी रोक दिया गया। इन हालात में सत्‍ता से बाहर जाते-जाते भाजपा को अपनी याद के प्रतीक के तौर पर एक जुमला पार्क बनाना चाहिए। अखिलेश नेे तर्क देते हुए आगे कहा कि क्‍योंकि यही भाजपा की पहचान होगी।

नौकरियों का रास्ता हो गया बंद

अखिलेश योगी सरकार पर निशाना साधते हुए बोले कि यूपी में कानून-व्यवस्था ठप्प है। बेटियों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी हैं। कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब प्रदेश में हत्या, लूट, बलात्कार अपहरण की घटनाएं न घटती हों। इस सरकार में नौजवानों की नौकरियों का रास्ता बंद हो गया है, जबकि किसानों को फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। किसान कर्ज से लदे हैं और आत्महत्या कर रहे हैं।

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