लखनऊ की महापंचायत में जुटे प्रदेशभर के किसान, राकेश टिकैत ने योगी सरकार से पूछा, “नहीं दी मुफ्त बिजली, घोषणापत्र झूठा था या जनता बेवकूफ”

लखनऊ किसान महापंचायत
राकेश टिकैत का स्वागत करते किसान। (फोटो- आरयू)

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में सोमवार को आयोजित महापंचायत में किसानों का सैलाब उमड़ा। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की महापंचायत को संबोधित कर राकेश टिकैत ने योगी सरकार को निशाने पर लिया। किसान नेता राकेश टिकैत ने सवाल उठाते हुए कहा सरकार ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे क्या घोषणापत्र झूठा था या जनता बेवकूफ थी। आपने बहकाने का काम किया। ये सरकार आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती है। जो लिखत-पढ़त में देती है, उस पर काम नहीं करती।”

टिकैत ने कहा, ”लोकतंत्र में भीड़ ही एकमात्र साधन है। एमएसपी कानून देश में बनना चाहिए। ये पूरे देश की डिमांड है। वैचारिक क्रांति देश में होगी। पुरानी पेंशन नीति पर काम होना चाहिए। किसानों को फसलों के दाम मिलने चाहिए। क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में किसान यूनियन का कोई राजनीति दखल रहेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी हमारी रणनीति नहीं है।”

साथ ही भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर सकी है। मुफ्त में बिजली देने के ऐलान पर भी अमल नहीं हो सका है। किसान नेताओं का आरोप है कि एमएसपी गारंटी कानून को लेकर ढुलमुल नीति अपनाई जा रही, जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंप कर एमएसपी गारंटी लागू करने की मांग की थी।

राकेश टिकैत की अगुवाई में किसान महापंचायत में हजारों किसान अपनी मांगों के लिए जुटे। इको गार्डन में पूरे उत्तर प्रदेश से हर जिले से हजारों किसान सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गए हैं। किसानों के नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में ये महापंचायत बुलाई गई है। किसानों की कई लंबित समस्याएं और मांगे हैं, जिनको लेकर सरकार पर दबाव डालने के लिए ये बैठक बुलाई गई।

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इस दौरान किसानों की बड़ी मांगे हैं कि सरकार एमएसपी कानून पूरी तरह लागू करे। सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और निजी नलकूप बिजली मीटर से 300 यूनिट मुक्त बिजली मुहैया कराए। गन्ना के बीज की उत्तम किस्म उपलब्ध हों। गन्ना और चीनी मिलों का भुगतान समय पर हो। आवारा पशु से मुक्ति मिले और ग्रामीण स्तर पर गोशाला बने। कृषि यंत्र पूरी तरह जीएसटी से मुक्त हों।

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