आरयू वेब टीम।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर रविवार को भाजपा ने एक बड़ा बयान दिया है। मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ व शिवसेना के अलावा भाजपा के कई नेताओं की अध्यादेश लाने की मांग को झटका देते हुए कहा है कि वो फिलहाल इस पर नहीं सोच रही है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव व दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आज मीडिया से कहा है कि उनकी पार्टी फिलहाल अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने के बारे में विचार नहीं कर रही है।
भाजपा ही कर सकती है राम मंदिर निर्माण
हालांकि आज उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर सकती है, क्योंकि किसी और में ऐसा करने का दम नहीं है। उनके मुताबिक, मंदिर के मुद्दे ने भाजपा को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि विपक्ष इस मसले का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को डराने और वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कर रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट में मामाला होने की बात पर विजयवर्गीय बोले कि हम अदालत से एक बार फिर इस मसले पर फैसला सुनाने की अपील करेंगे। जब तक मामला अदालत में है, हमें जल्दबाजी न करते हुए उसे फैसले के लिए उचित समय देना चाहिए।
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बीजेपी महासचिव ने बताया अगर लोगों की आकांक्षाएं बढ़ती रहीं, तो सरकार को इस पर (अध्यादेश लाने या न लाने पर) फैसला लेना होगा, लेकिन फिलहाल हम ऐसा नहीं सोच रहे हैं। विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और शिवसेना की ओर से अध्यादेश लाने की बढ़ती मांग पर विजयवर्गीय ने फिर दोहराया कि उन्हें जल्द फैसले की अपील लेकर अदालत के पास जाना चाहिए।
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भाजपा नहीं संतों और दूसरे संगठनों ने उठाया मुद्दा
विजयवर्गीय ने विपक्ष के इन आरोप को खारिज किया कि भाजपा चुनावों से पहले राम मंदिर मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में जुटी है। उन्होंने कहा, “इस मुद्दे को भाजपा ने नहीं बल्कि संतों और दूसरे संगठनों ने उठाया है। पार्टी कभी राम मंदिर मुद्दे को लेकर चुनावों में नहीं उतरी। हमारा एजेंडा हमेशा ‘सबका साथ सबका विकास’ रहा है।