कांग्रेस ने योगी सरकार को बताया 69 हजार शिक्षक भर्ती पर रोक व गड़बड़ी का जिम्‍मेदार, आरक्षित वर्ग का हक मारने का भी लगाया आरोप

शिक्षक भर्ती

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। लंबे समय से नियुक्ति की आस जोह रहे 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्‍यर्थियों को जहां मंगलवार को भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगने के बाद तगड़ा झटका लगा है। वहीं कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर उत्‍तर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने हाई कोर्ट द्वारा आज भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के फैसले के लिए सीधे तौर पर योगी सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है।

साथ ही कांग्रेस ने 69 हजार शिक्षक भर्तियों में सामने आयी गड़बड़ियों के लिए भी योगी सरकार को दोषी ठहरात हुए आज यह भी आरोप लगाया है कि उत्‍तर प्रदेश की भाजपा सरकार भर्ती में आरक्षित वर्गों के कोटे का हक मार रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

बुधवार को 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर हाई कोर्ट के रोक के फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया के जरिए योगी सरकार को घेरा। उन्‍होंने ट्विट कर कहा कि एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के युवाओं के सपनों पर ग्रहण लग गया। यूपी की सरकार की अव्यवस्था के चलते तमाम भर्तियां कोर्ट में अटकी हैं।

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उन्‍होंने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि पेपर लीक, कटऑफ विवाद, फर्जी मूल्यांकन और गलत उत्‍तरकुंजी जैसी यूपी सरकार की इन व्यवस्था व सारी कमियों के चलते 69 हजार शिक्षक भर्ती का मामला लटका है, सरकार की लापरवाही की सबसे ज्यादा मार युवाओं पर पड़ रही है।

योगी आदित्यनाथ हर हफ्ते लाखों रोजगार देने की बात करते हैं…

वहीं भर्ती को लेकर आज अपने एक बयान में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्‍यक्ष विरेंद्र चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में भर्तियों के नाम पर प्रदेश के युवाओं के साथ लगातार धोखा हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा एक भी भर्ती न्यायोचित ढंग से नहीं हो पाई। योगी आदित्यनाथ हर हफ्ते लाखों रोजगार देने की बात करते हैं, जबकि हकीकत में युवाओं के बीच बेरोजगारी में यूपी पहले पायदान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री की रोजगार संबंधी घोषणाएं सिर्फ जुमला साबित हुई हैं।

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वीरेंद्र चौधरी ने हमला जारी रखते हुए कहा कि यूपी परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती में भारी गड़बड़ी सामने आयी है। भर्ती से संबंधित अधिकारियों के सामने योगी प्रशासन पूरी तरह से पंगु साबित हुआ। भर्तियों में अनियमितता के चलते हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जारी काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है।

परीक्षा के बाद परिणाम में भी गड़बड़ी

कांग्रेस प्रदेश उपाध्‍यक्ष ने आगे कहा कि शिक्षक भर्ती में भी तमाम अनियमितताएं हुई। परीक्षा के दौरान पेपर लीक प्रकरण मीडिया में छाया रहा, नकल के मामले में तमाम गिरफ्तारियां की गयीं। वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि परीक्षा के बाद परिणाम में भी कई गड़बडी सामने आयीं हैं। एक ही परिवार और एक ही सेंटर के बच्चों के सामान्य अभ्यर्थियों से समान अंक तथा टीईटी परीक्षा को किसी तरह से पास करने वाले अभ्यर्थियों का भर्ती परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करना संदेह के घेरे में हैं।

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धांधली व नकल कर पास हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर…

अपने बयान में कांग्रेस उपाध्‍यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि योगी सरकार को पारदर्शिता के साथ भर्ती करनी चाहिए, धांधली व नकल कर पास हुए अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर करते हुए योग्य अभ्यर्थियों का ही चयन करना चाहिए।

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आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए सुरक्षित 

कांग्रेस उपाध्‍यक्ष के अनुसार शिक्षक भर्ती में अनियमितता का आलम यह है कि 69 हजार वेकेंसी में शुरू के 50 हजार रैंक तक का चयन सामान्य वर्ग में हुआ है, जबकि आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत 34 हजार 500 सीटें सुरक्षित होनी चाहिए थीं। सरकार द्वारा प्रकाशित कट-आफ में 64 प्रतिशत अंक में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी का चयन हो जा रहा है, लेकिन 66.64 प्रतिशत अंक पाने वाले ओबीसी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ। योगी सरकार आरक्षित वर्गों के कोटे की हकमारी कर रही है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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