‘स्वामित्व योजना’ की शुरूआत कर बोले PM मोदी, वर्षों सत्‍ता में रहने वालों ने ग्रामीणों को उनके नसीब पर छोड़ दिया, लेकिन मैं नहीं कर सकता ऐसा

स्वामित्व योजना
कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी।

आरयू वेब टीम। हमेशा कहा जाता है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है, लेकिन सच्चाई यही है कि भारत के गांवों को उनके ही हाल पर छोड़ दिया गया। शौचालय, बिजली की परेशानी गांवों में थी, लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाने की मजबूरी गांवों में थी। वर्षों तक जो लोग सत्ता में रहे उन्होंने बातें तो बहुत बड़ी बड़ी की, लेकिन गावों के लोगों को उनके नसीब पर छोड़ दिया, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता। पिछले सालों सालों में पुरानी कमी को दूर करने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। ये बातें रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘स्वामित्व योजना’ की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये शुरूआत करने के बात कही। ‘स्वामित्व’ योजना के तहत वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण शुरू कर कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ऐतिहासिक कदम है।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे। आज जिन एक लाख लोगों को अपने घरों का स्वामित्व पत्र मिला है। जिन्होंने अपना स्वामित्व कार्ड डाउनलोड किया है, उन्हें मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आत्मनिर्भर भारत अभियान में आज देश ने एक और बड़ा कदम उठा दिया है। स्वामित्व योजना, गांव में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत मदद करने वाली है।

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हाल ही में पास हुए कृषि बिलों को लेकर मोदी सरकार का विरोध करने वाले विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि आजकल इन लोगों को कृषि में जो ऐतिहासिक सुधार किए गए हैं, उससे भी दिक्कत हो रही है, वो बौखलाए हुए हैं। इनकी ये बौखलाहट किसानों के लिए नहीं, खुद के लिए है। छोटे किसानों, पशुपालकों, मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड मिलने से जिनकी काली कमाई का रास्ता बंद हो गया है, उनको आज समस्या हो रही है। किसानों के बैंक खाते में सीधा पैसा पहुंचने से जिनको परेशानी हो रही है, वो आज बेचैन हैं। किसान और खेत मजदूर को मिल रही बीमा, पेंशन जैसी सुविधाओं से जिनको परेशानी है, वो आज कृषि सुधारों के विरोध में हैं, लेकिन किसान उनके साथ जाने के लिए तैयार नहीं है, किसान उनका सच जान गया है।

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देश को लूटने में लगे लोगों को, देश अब पहचानने लगा है। ये लोग हर बात का आंख बंद करके विरोध कर रहे हैं। इन्हें ना गरीब, ना गांव और ना देश की चिंता है। ये लोग देश के विकास को रोकना चाहते हैं। ये नहीं चाहते हैं कि गांव, किसान, श्रमिक भाई-बहन भी आत्मनिर्भर बनें।  देश ने ठान लिया है कि गांव और गरीब को आत्मनिर्भर बनाना, भारत के सामर्थ्य की पहचान बनाना है। इस संकल्प की सिद्धि के लिए स्वामित्व योजना की भूमिका भी बहुत बड़ी है।

साथ ही पीएम ने कहा कि आज इतना विराट काम ऐसे दिन हो रहा है, जिसका हिन्दुस्तान के इतिहास में काफी महत्व है। आज दो-दो महापुरुषों की जयंती है। एक भारत रत्‍न लोकनायक जयप्रकाश नारायण और दूसरे भारत रत्‍न नानाजी देशमुख। जय प्रकाश बाबू ने जब संपूर्ण क्रांति का आहृवान किया, बिहार की धरती से जो आवाज उठी, जो सपनें जय प्रकाश जी ने देखे थें, जिस सपनों की ढाल बनके नानाजी देशमुख ने काम किया। नानाजी कहते थे कि जब गांव के लोग विवादों में फंसे रहेंगे तो न अपना विकास कर पाएंगे और न ही समाज का। इससे समाज में बंटवारा होगा।

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प्रधानमंत्री ने उम्‍मीद जताते हुए आगे कहा कि मुझे विश्‍वास है, स्वामित्व योजना भी हमारे गांवों में अनेक विवादों को समाप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम बनेगी। पूरे विश्‍व के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते रहे हैं कि जमीन और घर के मालिकाना हक की, देश के विकास में बड़ी भूमिका होती है। जब संपत्ति का रिकॉर्ड होता है, जब संपत्ति पर अधिकार मिलता है तो नागरिकों में आत्मविश्वास बढ़ता है। दुनिया में एक तिहाई आबादी के पास ही कानूनी रूप से अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड है, पूरी दुनिया में दो तिहाई लोगों के पास ये नहीं है। ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए ये बहुत जरूरी है कि लोगों के पास उनकी संपत्ति का सही रिकॉर्ड हो। इसके अलावा स्वामित्व योजना से हमारी ग्राम पंचायतों का भी नगर पालिकाओं और नगर निगमों की तरह व्यवस्थित तरीके से मैनेजमेंट आसान होगा।